उप्र / दिव्यांग उपकरण घोटाले में फंसीं पूर्व विदेश मंत्री की पत्नी लुईस खुर्शीद की जमानत याचिका खारिज

एटा. पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के डॉक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट में हुए दिव्यांग उपकरण घोटाले के मामले में फंसी लुईस खुर्शीद व अतहर फारूकी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई है। लुईस खुर्शीद, पूर्व विदेश मंत्री की पत्नी हैं। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने बचाव व अभियोजन पक्ष के बीच हुई बहस के बाद गुरुवार को यह फैसला सुनाया है। खुर्शीद के वकील ने कहा कि, अब हम हाईकोर्ट जाएंगे। 




बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश नवम कोर्ट संख्या-1 अशोक कुमार की अदालत में सुनवाई हुई। सरकारी डीजीसी क्रिमिनल विनोद पचौरी ने सरकारी पक्ष से पैरवी की। वहीं, एटा के वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक तिवारी ने लुईस खुर्शीद के बचाव में दलील पेश की। सुनवाई पूरी होने के बाद निर्णय को सुरक्षित रख लिया गया था। गुरुवार को जज ने फैसला सुनाते हुए अग्रिम जमानत खारिज कर दी। 




यह है पूरा प्रकरण
पूर्व विधायक लुईस खुर्शीद ने भारत सरकार के सामाजिक, न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से 30 मार्च 2010 को 71 लाख रूपए की सब्सिडी हासिल की थी। आरोप है कि ट्रस्ट के नुमाइंदों ने सब्सिडी धनराशि का दिव्यागों के हित मे इस्तेमाल किए बगैर कूटरचित तरीके से प्रदेश के 17 जिलों में फर्जी दिव्यांग राहत कैम्प लगवाया और सब्सिडी के रूपए का घोटाला कर डाला। इस मामले में निरीक्षक आर्थिक अपराध एवं अनुसंधान संगठन लखनऊ के निरीक्षक राम शंकर यादव ने एफआईआर दर्ज कराई थी।  


ट्रस्ट की प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं पूर्व विधायक
डॉक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट उत्तर प्रदेश में पांच साल के लिए रजिस्टर्ड था। आर्थिक अपराध शाखा की पड़ताल में ये भी सामने आया कि कई जगहों पर दिव्यांग राहत कैंप ट्रस्ट ने नहीं लगाया। इतना ही नही फर्जी कैप को सही दर्शाने के लिए चिकित्सा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला विकलांग कल्याण अधिकारी के हस्ताक्षर और मुहर फर्जी रूप से सत्यापन रिपोर्ट में लगा दिए गए। लुईस खुर्शीद इस ट्रस्ट की प्रोजेक्ट डायरेक्टर और अतहर फारूकी सचिव हैं।