एक्सपर्ट एडवाइज / छात्रों का सवाल - जो पढ़ा था भूल रहा हूं, टेंशन हो रही है; एक्सपर्ट का जवाब- किताबें हटाएं, सेंपल पेपर हल करें

एजुकेशन डेस्क. सीबीएसई 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा शुरू होने में 16 दिन रह गए है। इन दिनों में अच्छी तैयारी के बावजूद भी स्टूडेंट्स कई तरह के कन्फ्यूजन और डर से घिर जाते हैं। ऐसे में बच्चों की ओर से सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल के आधार पर काउंसलर्स से बताए उनके समाधान।


सवाल: जो पढ़ा था, वो भूलता जा रहा हूं। टेंशन हो रही है, क्या करूं?
जवाब: कई बार तनाव में ऐसा आभास होता है कि कुछ भी याद नहीं है और सब कुछ भूल चुके हैं। इसे दूर करने का आसान तरीका यह है कि आप सारी किताबें स्टडी टेबल से हटा दें और सभी विषयों के सैंपल पेपर सॉल्व करें। आप पेपर को हल करते जाएंगे तो आपके आत्मविश्वास का स्तर बढ़ता जाएगा। पाएंगे कि ज्यादातर चीजें आपकी तैयार हैं। भूल जाना सिर्फ एक आभास था। अब जिन सवालों को हल नहीं कर पाए हैं, उनको लिखकर रिवाइज करें, ताकि यह ज्यादा बेहतर ढंग से तैयार हो सकें।


सवाल: फेल तो नहीं हो जाऊंगा?
जवाब: इस बार फेल होने के चांसेज तो जीरो हैं। 20 नंबर के सवाल तो सिर्फ मल्टीपल च्वाइस वाले आ रहे हैं, कुछ ना भी पढ़ें तो 50-60 परसेंट मार्क्स स्कोर कर सकेंगे। बेहतर रैंक के लिए थोड़ी सी मेहनत और करनी होगी। एक बार सारी किताबों के आखिरी पेज पर दिए गए मिसलेनियस सवालों को लिख-लिख कर तैयार कर लीजिए।


सवाल: पेरेंट्स की तरफ से पढ़ने का प्रेशर बहुत आता है?
जवाब: पेरेंट्स पढ़ाई के लिए कहते हैं, ताकि आप एग्जाम में अच्छा कर पाएं और आपको बाद में किसी प्रॉब्लम या डिप्रेशन का सामना ना करना पड़े। पेरेंट्स को अपना पढ़ाई का शेड्यूल बताएं और अपने मॉक टेस्ट और सैंपल पेपर को हल करने के बाद उन्हें इसे किताब से चेक करने के लिए कहें। इससे उन्हें भी पता चलेगा कि आपकी तैयारी अच्छी चल रही है और वे इस तनाव में नहीं रहेंगे कि आप पढ़ाई नहीं कर रहे हैं। तैयारियों में पेरेंट्स को शामिल करने पर वे आपको रिलैक्स करने के टाइम पर पढ़ते रहने को नहीं कहेंगे और कुछ सुझाव भी दे सकते हैं, क्योंकि उनका अनुभव आपसे ज्यादा है।


सवाल: ऐसा लग रहा है जैसे तैयारी पूरी नहीं है, कैसे तैयारी करें?
जवाब: अब कुछ भी नया पढ़ने का समय नहीं बचा है। आपने अभी तक जो चैप्टर्स तैयार किए हैं, उन्हें बार-बार रिवाइज करते रहे। सीबीएसई की वेबसाइट पर सभी विषयों में चैप्टर के हिसाब से वेटेज भी दिया गया है, एक बार इसको सामने रखकर तैयारी करें। सब्जेक्ट रिवाइज करते समय उन चैप्टर्स को टिक कर लें, जिनका एग्जाम में वेटेज ज्यादा है। कोशिश करें, 15 दिनों में सभी चैप्टर्स एक बार रिवाइज कर लें। ज्यादा वेटेज वाले चैप्टर्स को दोहराने की कोशिश करें।


सवाल: पढ़ने बैठता हूं तो ध्यान नहीं लगता, किताब देखते ही नींद आने लगती है?
जवाब: इसका मतलब है कि आपने एग्जाम के तनाव के चक्कर में अपना शेड्यूल गड़बड़ कर लिया है, जिससे नींद डिस्टर्ब हुई है। दिन का शेड्यूल बनाएं और तय करें कि बाकी बचे दिनों में आपको कौन-कौन से टॉपिक कवर करने हैं। टारगेट सामने होगा, तो नींद नहीं आएगी। शेड्यूल में पढ़ने के समय के साथ ही अपने लिए 6 घंटे सोने का समय जरूर लिखें। नींद पूरी होगी, तो दिन भर नींद नहीं आएगी। स्टूडेंट्स सुबह 3 और 4 बजे तक पढ़ते हैं, और तीन घंटे की नींद लेकर सोचते हैं कि काम चल जाएगा। लेकिन, इससे आप बीमार भी पड़ सकते हैं।


सवाल: क्या पेपर के आखिरी सवाल से भी शुरुआत कर सकते हैं?
जवाब: आंसर शीट में सबसे पहले सही ढंग से रोल नंबर लिखें। याद रहे, पहला अंक दिए गए बॉक्स के बाहर लिखना है। रोल नंबर लिखते समय कोई भी ओवर राइटिंग न करें। आंसर लिखते समय क्रम कोई भी रखा जा सकता है। लेकिन, कोशिश करें कि एक सेट के सारे सवालों के जवाब एक ही स्थान पर लिखें। ऐसा ना हो कि किसी सवाल के ‘ए’ और ‘बी’ का उत्तर एक जगह है और ‘सी’ का उत्तर आपके तीन सवालों के बाद कहीं बीच में दिया है। पहले जो सवाल अच्छी तरह आते हैं, उन्हें हल करें।



करें निशुल्क संपर्क
शहर की काउंसलर्स डॉ. शिखा रस्तोगी और सोनम छतवानी से बच्चों ने पूछे। आप भी निशुल्क संपर्क कर सकते हैं-
डॉ. शिखा रस्तोगी- 9826375351 (सुबह 8 से दोपहर 12 बजे)
सोनम छतवानी- 8349608373 (सुबह 10 से रात 10 बजे)


एक फरवरी से शुरू होगी हेल्पलाइन
एक फरवरी से सीबीएसई की हेल्पलाइन 1800-11-8002 शुरू हो जाएगी। यह हेल्पलाइन सुबह 8 से रात 8 बजे तक ओपन रहेगी, जिसमें बच्चे काउंसलर्स से सीधे सवालों के जवाब पा सकेंगे।