भारतीय रेल ने विशाखापट्टनम और अरकू के बीच की यात्रा यादगार बनाने के लिए ट्रेन में विस्टाडोम कोच लगया है। इस कोच की छत और खिड़कियां बड़े पारदर्शी कांच की बनी हुई हैं, जिससे वहां प्रकृति के खूबसूरत नजारे देखते हुए यात्रा कर सकेंगे। विशाखापत्तनम से अराकू घाटी पर्वत स्टेशन के बीच की दूरी 128 किलोमीटर है। चेन्नै की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में तैयार इस कोच को बनाने में 3.38 करोड़ रुपए का खर्च आया है। इस ट्रेन में सफर करने के प्रति यात्री 670 रुपए चुकाने होंगे।
360 डिग्री तक घूम सकती हैं सीटें
40 सीट वाले इस कोच की अनूठी खासियत यह है कि इसमें लगी सीटें 360 डिग्री तक घूम सकती हैं, जिससे यात्रियों को बेहतर नजारे का अनुभव मिलेगा। इस कोच की छत भी शीशे की बनी है। कोच में दिव्यांगों के लिए साइड डोर भी उपलब्ध है। साथ ही कंपार्टमेंट में ऑटोमैटिक दरवाजे भी लगाए गए हैं। प्रत्येक कोच में एलईडी लाइट लगी हैं। इसके अलावा यात्रियों तक जल्दी सूचना पहुंचाने के लिए जीपीसी आधारित सूचना प्रणाली का उपयोग किया गया है।
कालका-शिमला रूट पर किया जा रहा हिम दर्शन एक्सप्रेस का संचालन
विस्टाडोम कोच वाली हिम दर्शन एक्सप्रेस (52459/52460) का संचालन कालका-शिमला रूट पर दिसंबर से किया जा रहा है। इस ट्रेन में सात कोच हैं। इनमें से फर्स्ट क्लास केटेगिरी की 6 विस्टाडोम कोच हैं। एक फर्स्ट क्लास सिटिंग कम लगेज कोच है। एक कोच में 15 यात्री ही सफर कर सकते हैं, जबकि सिटिंग क्लास की क्षमता 14 है।